बेंगलुरु आधारित इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्टार्टअप Yulu एक बार फिर सुर्खियों में है। कंपनी फिलहाल कुछ प्रमुख निवेशकों और संस्थागत साझेदारों के साथ बातचीत कर रही है ताकि अपने सीरीज C फंडिंग राउंड में 100 मिलियन डॉलर (लगभग 835 करोड़ रुपये) जुटाए जा सकें। Yulu के प्रवक्ता ने कहा, “यह फंडिंग इक्विटी और डेब्ट दोनों का मिश्रण होगी। इस पूंजी का उपयोग हमारे फ्लीट साइज को बढ़ाने, बैलेंस शीट को मजबूत करने और अर्बन मोबिलिटी से जुड़ी नई संभावनाओं को भुनाने के लिए किया जाएगा।”
Yulu की अब तक की यात्रा
Yulu की स्थापना 2017 में अमित गुप्ता, नवीन दशरथी, हेमंत गुप्ता और ऋषि शाह ने मिलकर की थी। स्टार्टअप का मकसद था – “भारत में शहरी परिवहन को पर्यावरण के अनुकूल और सुविधाजनक बनाना।” कंपनी खासतौर पर इलेक्ट्रिक बाइक और स्कूटर जैसी स्मार्ट, छोटे आकार की ईवीज़ प्रदान करती है, जो भीड़भाड़ वाले शहरी इलाकों में आसान और किफायती सफर सुनिश्चित करती हैं।
पिछली फंडिंग: Series B में 82 मिलियन डॉलर
Yulu ने साल 2022 में अपने Series B फंडिंग राउंड में 82 मिलियन डॉलर (लगभग ₹653 करोड़) जुटाए थे। इस फंडिंग का नेतृत्व Magna International ने किया था। साथ ही, प्रमुख भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनी Bajaj Auto ने भी इस राउंड में निवेश किया था। उस समय कंपनी ने घोषणा की थी कि वे अपनी ईवी फ्लीट को 1 लाख+ टू-व्हीलर्स तक बढ़ाना चाहते हैं।
Yulu का बिजनेस मॉडल
Yulu का बिजनेस मॉडल ‘Pay-Per-Use’ मॉडल पर आधारित है। यानी यूजर्स अपनी जरूरत के हिसाब से इलेक्ट्रिक बाइक या स्कूटर किराए पर ले सकते हैं। Yulu खासतौर पर निम्नलिखित चीजों पर फोकस करता है: माइक्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस सस्टेनेबल ट्रांसपोर्टेशन कम प्रदूषण और कम ट्रैफिक वाली स्मार्ट सिटी का निर्माण कंपनी ने कई शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है जैसे – बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, और अन्य मेट्रो सिटीज़।
Yulu की टेक्नोलॉजी और साझेदारियां
Yulu ने बैटरी-स्वैपिंग नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए अपनी सब्सिडियरी Yulu Energy भी लॉन्च की थी। कंपनी का उद्देश्य भारत में EV Ecosystem को मजबूत करना और शहरी यात्राओं के लिए एक स्थायी विकल्प प्रदान करना है। Magna International और Bajaj Auto के साथ Yulu की साझेदारी ने उसे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के निर्माण और टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन में मदद दी है।
Yulu का भविष्य: क्या बदलेगा इस नई फंडिंग से?
Yulu के प्रवक्ता के अनुसार, “नई फंडिंग से हम अपने बैटरी-स्वैपिंग नेटवर्क का और विस्तार करेंगे, फ्लीट में और उन्नत ईवी जोड़ेंगे, और देश के अन्य बड़े शहरों में भी अपनी पकड़ मजबूत करेंगे।” इसका मतलब है कि आने वाले समय में: Yulu की उपलब्धता और पहुंच बढ़ेगी। राइडर्स को और तेज़ और सुलभ सेवाएं मिलेंगी। भारत में ग्रीन मोबिलिटी का सपना और नजदीक आएगा।
Yulu का सफर इस बात का प्रमाण है कि कैसे एक स्पष्ट विज़न और सही रणनीति से भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी रेवोल्यूशन लाया जा सकता है। आज जब दुनिया क्लीन एनर्जी और सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट की तरफ बढ़ रही है, Yulu जैसे स्टार्टअप भारत के शहरी भविष्य को हरा-भरा और स्वच्छ बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। “The New Age India” के नजरिए से देखा जाए तो Yulu जैसी पहलें हमारे देश को नई दिशा देने का काम कर रही हैं।