भारत की ट्रैफिक से जूझती सड़कों पर जब लोग कैब्स और ऑटो के भरोसे फंसे रहते थे, तब तीन युवाओं ने एक नई राह दिखाई। स्टार्टअप Rapido ने भारत में बाइक टैक्सी की शुरुआत कर न केवल लोगों का सफर आसान किया, बल्कि खुद को एक ₹9,000 करोड़ (1.1 बिलियन डॉलर) से अधिक मूल्य वाले यूनिकॉर्न स्टार्टअप के रूप में स्थापित कर दिया है। Rapido की यह सफलता उन युवाओं के लिए मिसाल बन गई है जो स्टार्टअप जगत में कुछ अलग करना चाहते हैं।
शुरुआत कहां से हुई?
Rapido की नींव 2015 में तीन दोस्तों — अरविंद सांका, पवन गुंटुपल्ली, और एसआर ऋषिकेश ने मिलकर रखी। इन तीनों ने यह देखा कि बड़े शहरों में लोग ट्रैफिक की वजह से समय और पैसा दोनों गंवा रहे हैं। उन्होंने तय किया कि बाइक टैक्सी इस समस्या का किफायती और तेज़ समाधान हो सकता है।
संस्थापक कौन हैं?
अरविंद सांका: पूर्व Accenture कर्मचारी, जिन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। पवन गुंटुपल्ली: स्टार्टअप के तकनीकी और प्रोडक्ट डिविज़न के प्रमुख। एसआर ऋषिकेश: प्लेटफॉर्म डेवलपमेंट और ऐप अनुभव के पीछे की तकनीकी शक्ति। तीनों ने अपने कॉर्पोरेट करियर छोड़कर इस आइडिया पर काम किया, शुरुआत में कई चुनौतियाँ आईं लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
कैसे बढ़ा Rapido का कारोबार?
Rapido की सेवाएं आज 100+ शहरों में उपलब्ध हैं। प्लेटफॉर्म पर 10 लाख से अधिक एक्टिव राइडर्स हैं। कंपनी हर महीने करोड़ों राइड्स करवाती है। अब Rapido न सिर्फ बाइक टैक्सी, बल्कि ऑटो, कैब और हाइपरलोकल डिलीवरी सेवाएं भी दे रहा है।
फंडिंग और यूनिकॉर्न स्टेटस
Rapido ने अब तक कुल मिलाकर 500 मिलियन डॉलर (₹4,100 करोड़) से अधिक की फंडिंग जुटाई है। इसमें WestBridge Capital, Shell Ventures, और Nexus Venture Partners जैसे बड़े निवेशकों का समर्थन मिला है। 2024 में Rapido की वैल्यूएशन 1.1 बिलियन डॉलर को पार कर गई, जिससे यह भारत का एक और यूनिकॉर्न स्टार्टअप बन गया।
बिजनेस मॉडल कैसा है?
Rapido का बिजनेस मॉडल एसेट-लाइट है, यानी कंपनी खुद बाइक नहीं रखती। स्थानीय युवाओं को राइडर बनाकर कंपनी उन्हें एक प्लेटफॉर्म देती है, जिससे वे राइड्स पूरी कर सकें। कंपनी हर राइड से एक तय प्रतिशत का कमीशन लेती है। इसके अलावा Rapido ने अब B2B लॉजिस्टिक्स और फूड डिलीवरी जैसी सेवाओं में भी कदम बढ़ाए हैं।
कोविड के बाद कैसे बदली रणनीति?
कोविड-19 के समय Rapido ने तेजी से खुद को बदला और मेडिसिन डिलीवरी, जरूरी सामान, और लॉजिस्टिक सेवाओं की शुरुआत की। इस दौरान कंपनी ने अपनी टेक टीम और राइडर नेटवर्क को मजबूत किया। पिछले दो वर्षों में कंपनी ने EV बाइक टैक्सी मॉडल पर भी काम करना शुरू किया है, ताकि पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जा सके।
भविष्य की योजनाएं
Rapido अब भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में अपने नेटवर्क का विस्तार करने पर फोकस कर रहा है। साथ ही, कंपनी AI-बेस्ड राइड प्रेडिक्शन और सेफ्टी तकनीकों को ऐप में इंटीग्रेट कर रही है।
The New Age India की रिपोर्ट:
Rapido की यह सफलता दर्शाती है कि भारत में यदि सही समय पर सही समस्या को पहचाना जाए, तो स्टार्टअप की दुनिया में कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है। तीन युवाओं की मेहनत और दूरदर्शिता ने न सिर्फ एक ब्रांड खड़ा किया, बल्कि देश की मोबिलिटी को एक नई दिशा दी।