Phool.co: मंदिर के फूलों से बना करोड़ों का स्टार्टअप | The New Age India

मंदिरों से निकलने वाले लाखों टन फूल जो पहले गंगा नदी में बहा दिए जाते थे, अब एक सफल स्टार्टअप की नींव बन चुके हैं। उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से शुरू हुआ Phool.co आज देश का पहला ऐसा स्टार्टअप बन चुका है, जो मंदिर के बचे हुए फूलों को रिसाइकल कर इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स बना रहा है।

फाउंडर कौन हैं?

इस स्टार्टअप के पीछे हैं अंकित अग्रवाल, जिन्होंने माइक्रोसॉफ्ट जैसी मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़कर पर्यावरण और समाज के लिए एक बड़ा कदम उठाया।एक बार जब वो अपने गृहनगर कानपुर आए, तो उन्होंने देखा कि मंदिरों से लाखों टन फूल सीधे गंगा नदी में फेंके जा रहे हैं, जिससे पानी प्रदूषित हो रहा है। वहीं से उन्हें आइडिया आया कि क्यों न इन फूलों का बेहतर इस्तेमाल किया जाए?

Ankit Agarwal एक सोशल इंटरप्रेन्योर हैं, जिन्होंने इंजीनियरिंग के बाद कॉर्पोरेट की नौकरी छोड़कर एक बड़ा सामाजिक बदलाव लाने की ठानी। उन्हें Forbes 30 Under 30 में भी जगह मिल चुकी है और उनकी कंपनी को यूएन और कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सम्मान मिला है।

क्या करता है Phool.co?

Phool.co मंदिरों से फूल इकट्ठा करता है और उन्हें प्रोसेस करके बनाता है: इको-फ्रेंडली अगरबत्ती जैविक खाद फूलों से बनी सुगंधित धूपबत्ती और सबसे खास – फ्लोरल लैदर (Fleather), एक प्रकार का वेगन लेदर जो चमड़े का विकल्प बनता जा रहा है। ये सभी प्रोडक्ट्स पूरी तरह कुशल महिला कर्मचारियों द्वारा बनाए जाते हैं, जिनमें ज़्यादातर महिलाएं गरीब और ग्रामीण तबके से आती हैं।

प्रॉफिट और बिज़नेस ग्रोथ

  • Phool.co हर साल करोड़ों के टर्नओवर तक पहुंच चुका है।
  • कंपनी ने FY22 में ₹10 करोड़ से अधिक का राजस्व दर्ज किया।
  • हर दिन करीब 8 टन फूल प्रोसेस किए जाते हैं।
  • कंपनी ने अब तक 1000+ महिलाओं को रोज़गार दिया है।

फंडिंग और निवेश

  • Phool.co को अब तक कई इन्वेस्टर्स का समर्थन मिला है:
  • 2021 में IvyCap Ventures ने $1.4 मिलियन (लगभग ₹10 करोड़) का निवेश किया।
  • 2022 में Alia Bhatt ने भी इस स्टार्टअप में निवेश किया और Phool.co की ब्रांड वैल्यू और बढ़ गई।

सस्टेनेबिलिटी की ओर एक कदम

Phool.co ना सिर्फ बिज़नेस कर रहा है, बल्कि एक बड़ी पर्यावरणीय क्रांति का हिस्सा भी है। अब तक:

  • 11,000 टन से ज्यादा फूलों को गंगा नदी में जाने से रोका गया है।
  • हज़ारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया गया है।
  • Fleather जैसे इनोवेटिव प्रोडक्ट्स ने फैशन इंडस्ट्री को भी नया विकल्प दिया है।

Phool.co एक शानदार उदाहरण है कि किस तरह एक छोटा आइडिया, समाज और पर्यावरण दोनों को बदल सकता है। Ankit Agarwal ने यह साबित कर दिया कि अगर सोच सच्ची हो, तो मंदिर के फूल भी करोड़ों का बिज़नेस बन सकते हैं।

The New Age India इस तरह की बदलाव लाने वाली कहानियों को आगे बढ़ाता रहेगा।