स्वस्थ जीवनशैली की तलाश में कई बार हमें खुद समाधान ढूंढना पड़ता है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है हर्षिता जोशी की, जिन्होंने पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) से जूझते हुए एक हेल्दी और प्रिज़र्वेटिव-फ्री ग्रीक योगर्ट ब्रांड ‘जोगर्ट’ की शुरुआत की।
पीसीओएस से संघर्ष की शुरुआत
2018 में, इंदौर में बीटेक की पढ़ाई कर रही हर्षिता को पीसीओएस का पता चला। इससे उन्हें थकान, मूड स्विंग्स और अनियमित पीरियड्स जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। स्वस्थ आहार की तलाश में, उन्होंने पाया कि बाजार में उपलब्ध अधिकांश उत्पादों में प्रिज़र्वेटिव्स और अतिरिक्त शुगर होती है, जो उनकी सेहत के लिए हानिकारक थीं। ‘जोगर्ट’ की स्थापना स्वस्थ और प्राकृतिक विकल्प की कमी ने हर्षिता को ‘जोगर्ट’ की स्थापना के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने आईटी करियर को छोड़कर एक ऐसा ग्रीक योगर्ट ब्रांड बनाया, जो न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पूरी तरह से प्रिज़र्वेटिव-फ्री और उच्च प्रोटीन युक्त है।
‘जोगर्ट’ की विशेषताएं
A2 दूध का उपयोग: ‘जोगर्ट’ में केवल ऑर्गेनिकली फेड गिर गायों के A2 दूध का उपयोग किया जाता है, जो पचाने में आसान और पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
डबल-स्ट्रेन्ड प्रक्रिया: इस प्रक्रिया से योगर्ट का गाढ़ापन और प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है, जिससे यह एक आदर्श हेल्दी स्नैक बनता है। प्राकृतिक मिठास: शुगर की जगह मोंक फ्रूट जैसे प्राकृतिक स्वीटनर्स का उपयोग किया जाता है, जो ब्लड शुगर को नहीं बढ़ाते।
कोई प्रिज़र्वेटिव नहीं: ‘जोगर्ट’ में किसी भी प्रकार के प्रिज़र्वेटिव्स या स्टेबलाइजर्स का उपयोग नहीं किया जाता, जिससे इसकी शेल्फ लाइफ कम होती है, लेकिन यह ताजगी और गुणवत्ता का प्रमाण है।
चुनौतियों का सामना
प्रिज़र्वेटिव-फ्री योगर्ट के लिए उपयुक्त पैकेजिंग ढूंढना एक बड़ी चुनौती थी। पेपर कप्स में ग्रीक योगर्ट को स्टोर करना संभव नहीं था, इसलिए हर्षिता और उनकी टीम ने प्लास्टिक पैकेजिंग का सहारा लिया, लेकिन वे लगातार इको-फ्रेंडली विकल्पों की तलाश में हैं।
सभी के लिए ‘जोगर्ट’
हर्षिता का मानना है कि ‘जोगर्ट’ सिर्फ फिटनेस प्रेमियों के लिए नहीं, बल्कि हर उम्र के लोगों के लिए है। यह एक ऐसा स्नैक है, जो न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी है। हर्षिता खुद बताती हैं कि उन्होंने ‘जोगर्ट’ को अपने आहार में शामिल कर 4-5 महीनों में 10 किलो वजन कम किया।
भविष्य की योजनाएं
‘जोगर्ट’ की सफलता के बाद, हर्षिता की योजना है कि वे इस ब्रांड को और भी लोगों तक पहुंचाएं और हेल्दी ईटिंग के प्रति जागरूकता बढ़ाएं। वे चाहती हैं कि लोग अपने आहार के प्रति सजग हों और स्वस्थ विकल्पों को अपनाएं।
हर्षिता जोशी की कहानी हमें सिखाती है कि व्यक्तिगत संघर्षों से प्रेरित होकर कैसे हम समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। ‘जोगर्ट’ न केवल एक उत्पाद है, बल्कि एक आंदोलन है, जो हमें स्वस्थ और प्राकृतिक जीवनशैली की ओर प्रेरित करता है।