उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाले पूनम शर्मा और नवीन पतवाल ने इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद एक अनोखा रास्ता चुना — बटन मशरूम की खेती-Planet Mushroom। साल 2007 में उन्होंने ₹1.35 करोड़ का बैंक लोन लेकर यह सफर शुरू किया था, जिसे 2012 तक चुकता भी कर दिया। 2016 तक उनका उत्पादन दोगुना हो गया था। लेकिन फिर आया कोविड लॉकडाउन — जिसने उनकी मेहनत को एक झटके में खत्म कर दिया।
तीन टन मशरूम हो गया बर्बाद
मार्च 2020 में जब लॉकडाउन लगा, तो उनके खेतों में तैयार तीन टन बटन मशरूम दिल्ली के आजादपुर मंडी भेजे जाने के लिए तैयार था। लेकिन परिवहन बंद हो गया और उनके पास ना तो प्रोसेसिंग सुविधा थी और ना ही वैकल्पिक खरीदार। परिणाम? ₹2 करोड़ का सीधा नुकसान।
हिम्मत नहीं हारी, बदला रास्ता – Planet Mushroom
जहां कई किसान इस नुकसान से उबर नहीं पाए, वहीं पूनम और नवीन ने ठान लिया कि अब कुछ अलग करना है। 2020 में उन्होंने लॉन्च किया अपना नया ब्रांड — Planet Mushroom। अब वे सिर्फ बटन मशरूम तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने शुरुआत की विदेशों में मशहूर और महंगे मशरूम्स की खेती की: शिटाके (Shiitake) किंग ऑयस्टर (King Oyster) लायंस माने (Lion’s Mane) रीशी (Reishi) कॉर्डिसेप्स (Cordyceps) चान्टरेल्स (Chanterelles) इन सभी की खेती उन्होंने अपने पहले से मौजूद लैब और इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करके शुरू की।
नवीन की रिसर्च और पहला बड़ा कदम नवीन ने अलग-अलग मशरूम की मदर कल्चर मंगवाकर वैज्ञानिक तरीके से इनकी खेती शुरू की। उनकी पहली शिटाके मशरूम की फसल से 20 किलो उपज हुई। उन्हें लेकर नवीन दिल्ली के INA मार्केट गए, जहां एक दुकानदार ने कहा कि वह इन्हें ₹300 प्रति किलो में बेचेगा। लेकिन नवीन को पता चला कि इन मशरूम्स की असली थोक कीमत ₹1200 प्रति किलो है। यहीं से उन्हें समझ आया — मार्केट बहुत बड़ा है और मुनाफा उससे भी ज्यादा।
The New Age India की असली तस्वीर
आज Planet Mushroom न केवल उत्तराखंड के युवाओं को प्रेरणा दे रहा है, बल्कि यह दिखा रहा है कि किस तरह से एक तकनीकी पृष्ठभूमि रखने वाला दंपति भी खेती के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। स्थानीय संसाधनों का सही उपयोग लॉकडाउन को अवसर में बदलने की सोच नए बाजार की समझ और मार्केटिंग भारत में विदेशी उत्पादों की संभावनाएं
पूनम शर्मा और नवीन पतवाल की यह कहानी आज के भारत के उस युवा किसान और उद्यमी की कहानी है, जो हार मानना नहीं जानता। उन्होंने न केवल अपनी किस्मत बदली, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन गए। The New Age India सिर्फ मेट्रो शहरों की कहानी नहीं है, यह उन गांवों की भी कहानी है जहाँ से बदलाव की असली क्रांति शुरू हो रही है।