62 की उम्र में शुरू किया ‘Mama Nourish’, बेचे 1 लाख मॉडर्न लड्डू स्नैक

mama nourish

उम्र सिर्फ एक संख्या है—इस बात को सही मायनों में सच कर दिखाया है 62 वर्षीय उषा श्रोत्रिय ने। एक साधारण गृहिणी के रूप में अपनी ज़िंदगी बिताने वाली उषा जी ने अपने किचन के अनुभव और पारंपरिक भारतीय व्यंजनों के प्यार को एक सक्सेसफुल बिज़नेस में बदल दिया है। उन्होंने ‘Mama Nourish’ नाम से एक हेल्दी स्नैक ब्रांड की शुरुआत की, जिसने कुछ ही महीनों में 1 लाख से ज्यादा यूनिट्स बेचकर सबको चौंका दिया।

पारंपरिक स्वाद, मॉडर्न अंदाज़: लड्डू से ‘Laddubars’ तक

उषा जी ने हमेशा अपने परिवार के लिए पौष्टिक और स्वादिष्ट लड्डू बनाए। लेकिन जब उन्होंने देखा कि आज की युवा पीढ़ी हेल्दी लेकिन झंझट-मुक्त स्नैक्स की तलाश में है, तो उन्होंने अपने लड्डुओं को एक नया रूप देने का फैसला किया। इसी सोच से जन्म हुआ ‘Laddubars’ का—एक ऐसा फ्यूज़न जिसमें पारंपरिक लड्डू का स्वाद और न्यूट्रिशन तो है, लेकिन उसे खाया जा सकता है एक मॉडर्न स्नैक बार की तरह। ये Laddubars न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन हैं, बल्कि बिना किसी प्रिज़र्वेटिव के बनाए जाते हैं। इन्हें तैयार किया जाता है देसी घी, सूखे मेवों और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते हैं।

Zero से Hero बनने की कहानी

‘Mama Nourish’ की शुरुआत एक छोटे स्तर पर हुई थी, जहां उषा जी ने अपने घर के किचन से सीमित मात्रा में प्रोडक्ट बनाना शुरू किया। लेकिन सोशल मीडिया पर जैसे-जैसे लोगों को उनके Laddubars के बारे में पता चला, वैसे-वैसे ऑर्डर्स की बाढ़ सी आ गई। कुछ ही महीनों में Mama Nourish ने 1 लाख से ज्यादा स्नैक यूनिट्स बेच डाले और यह ब्रांड फिटनेस और हेल्थ-कॉन्शियस लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो गया।

परिवार का साथ बना सबसे बड़ा सपोर्ट

उषा जी की इस यात्रा में उनका परिवार हमेशा उनके साथ रहा। उनके बच्चों ने ब्रांडिंग, पैकेजिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग में उनका पूरा साथ दिया। इस पारिवारिक सहयोग ने ‘Mama Nourish’ को एक ब्रांड से आगे एक इमोशनल कनेक्शन बना दिया, जिससे ग्राहक भी जुड़ाव महसूस करने लगे।

भारत के हर कोने से आ रहे हैं ऑर्डर

आज ‘Mama Nourish’ के Laddubars की डिमांड दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक है। यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि सोच साफ हो और नीयत मेहनती, तो कोई भी उम्र, कोई भी पृष्ठभूमि बाधा नहीं बनती।

उषा जी की कहानी क्यों है खास?

  • उन्होंने 60 पार करने के बाद अपने सपने को साकार किया
  • घरेलू हुनर को एक कमर्शियल ब्रांड में बदलकर दिखाया
  • बिना किसी बड़े निवेश या फंडिंग के 6-फिगर सेल्स का आंकड़ा पार किया
  • हेल्थ और ट्रेडिशन को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर एक नया कैटेगरी बनाया
  • प्रेरणा उन सभी के लिए जो सोचते हैं “अब बहुत देर हो गई”

उषा श्रोत्रिय का स्टार्टअप Mama Nourish यह दिखाता है कि जुनून, नवाचार और मेहनत से कुछ भी संभव है। खासकर उन महिलाओं के लिए, जो सोचती हैं कि गृहिणी रहकर कुछ बड़ा नहीं किया जा सकता—उषा जी एक मिसाल हैं।