7 Ring, एक भारतीय स्टार्टअप, जो पेमेंट तकनीक को पूरी तरह से बदलने की दिशा में काम कर रहा है। विजय वासुदेव खुबचंदानी, मेहक सावला और कार्तिक मेनन द्वारा स्थापित यह कंपनी अपने अनोखे स्मार्ट रिंग्स के जरिए ग्राहकों को एक स्मार्ट और सुविधाजनक पेमेंट विकल्प प्रदान कर रही है।
कैसे काम करती है 7 Ring की स्मार्ट रिंग?
7 Ring की स्मार्ट रिंग्स NFC (Near Field Communication) तकनीक पर आधारित हैं। ये रिंग्स उपयोगकर्ताओं को बिना चार्जिंग या फोन कनेक्शन की जरूरत के, केवल अपनी मुट्ठी टैप करके भुगतान करने की सुविधा देती हैं।
सुविधाजनक: चार्जिंग और बैटरी की झंझट से मुक्त।
स्टाइलिश: डिज़ाइन ऐसा जो फैशन-फॉरवर्ड उपभोक्ताओं को भी आकर्षित करे। यह तकनीक सिर्फ पेमेंट का एक नया तरीका नहीं है, बल्कि सुरक्षा और तेज़ी के लिहाज़ से भी काफी उपयोगी है।
शार्क टैंक इंडिया में 7 Ring की धमाकेदार एंट्री
7 Ring की टीम ने Shark Tank India में अपने अनोखे विचार को पेश किया, जहां शार्क्स ने उनकी सोच और उत्पाद को सराहा।
फंडिंग: ₹75 लाख की फंडिंग 3% इक्विटी के बदले में हासिल की।
उद्देश्य: अगले तीन वर्षों में 30 लाख स्मार्ट रिंग्स की बिक्री का लक्ष्य। यह फंडिंग न केवल कंपनी के लिए बड़ा मील का पत्थर साबित हुई, बल्कि उनकी योजना को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक रही।
चुनौतियां और सफलता
स्टार्टअप ने अपने सफर में कई चुनौतियों का सामना किया, जिनमें से सबसे बड़ी थी रेगुलेटरी बाधाएं। लेकिन इन समस्याओं से घबराने की बजाय, 7 Ring की टीम ने दृढ़ता दिखाई और उत्पादन क्षमता को बढ़ाने व बाजार में विस्तार की योजना बनाई।
अर्थव्यवस्था और आंकड़े
2024 में, 7 Ring ने अब तक ₹4.6 करोड़ की बिक्री हासिल की है और दिसंबर तक इसे ₹7.3 करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य है। यह उनकी मेहनत और उपभोक्ताओं के बीच उत्पाद की बढ़ती मांग का प्रमाण है।
भविष्य की संभावनाएं
7 Ring का उद्देश्य है कि अपने उत्पादों को भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी विस्तार दिया जाए। उनका ध्यान तकनीक और फैशन को एक साथ जोड़ने पर है, जिससे यह केवल एक भुगतान उपकरण नहीं, बल्कि एक फैशन स्टेटमेंट भी बन जाए।
निष्कर्ष
7 Ring की कहानी उन भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक प्रेरणा है, जो नवाचार और दृढ़ता के बल पर अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं। यह स्टार्टअप न केवल भुगतान के तरीकों को बदल रहा है, बल्कि यह भी साबित कर रहा है कि भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम वैश्विक स्तर पर प्रभाव डालने की क्षमता रखता है।