नई दिल्ली | द न्यू एज इंडिया — भारत में ऑनलाइन चश्मों की दुनिया में एक बड़ा नाम बन चुका लेंसकार्ट (Lenskart) आज करोड़ों लोगों के जीवन का हिस्सा है। जिस प्लेटफॉर्म ने चश्मा खरीदने के अनुभव को पूरी तरह से बदल डाला, उसके पीछे हैं पियूष बंसल — एक दूरदर्शी युवा उद्यमी जिन्होंने अपने आइडिया से भारत के स्टार्टअप जगत में एक मिसाल कायम की।
माइक्रोसॉफ्ट से लेंसकार्ट तक का सफर
दिल्ली में जन्मे पियूष बंसल ने कनाडा की McGill University से इंजीनियरिंग की और उसके बाद कुछ समय के लिए Microsoft में काम किया। लेकिन कॉर्पोरेट जॉब उन्हें संतुष्टि नहीं दे पा रही थी। भारत लौटने के बाद उन्होंने कुछ छोटे स्टार्टअप्स पर काम किया और 2010 में Lenskart की शुरुआत की। इसकी शुरुआत एक साधारण लेकिन महत्वपूर्ण विचार से हुई — भारत में चश्मा खरीदना न केवल महंगा था, बल्कि गुणवत्ता और स्टाइल की भी कमी थी। पियूष ने इस समस्या को एक अवसर में बदला और टेक्नोलॉजी के ज़रिए इसे हल करने का बीड़ा उठाया।
शुरुआती चुनौतियाँ और मजबूत नींव
लेंसकार्ट ने शुरुआत में सिर्फ कॉंटैक्ट लेंस बेचे, लेकिन ग्राहकों की ज़रूरतों को समझते हुए कंपनी ने ऑप्टिकल चश्मे, सनग्लासेस, आई चेकअप सेवाएं, और घर बैठे ट्रायल जैसी सुविधाएं शुरू कीं। इससे ग्राहकों का भरोसा बढ़ा और लेंसकार्ट ने धीरे-धीरे बाज़ार में अपनी पकड़ मजबूत की। कंपनी का “फ्री होम आई चेकअप” सर्विस और 3D ट्राई-ऑन फीचर आज भी ग्राहकों के बीच काफी लोकप्रिय है। लेंसकार्ट ने न सिर्फ शहरी क्षेत्रों बल्कि छोटे शहरों और गांवों में भी अपने स्टोर्स के ज़रिए पहुंच बनाई है।
तेज़ी से बढ़ता बिज़नेस और ग्लोबल विस्तार
2023 तक लेंसकार्ट की वैल्यूएशन करीब ₹45,000 करोड़ ($5.5 बिलियन) तक पहुंच गई। कंपनी के पास 1000 से अधिक रिटेल स्टोर्स हैं और ऑनलाइन बिक्री के मामले में भी यह भारत के सबसे बड़े आईवियर ब्रांड्स में शामिल है। लेंसकार्ट को SoftBank, KKR, Temasek, IFC जैसे बड़े निवेशकों से फंडिंग मिल चुकी है। हाल ही में कंपनी ने दुबई, सिंगापुर और मिडल ईस्ट में भी अपने स्टोर्स खोले हैं, जिससे यह अब एक ग्लोबल ब्रांड बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है।
क्या कहती है कंपनी की रणनीति?
पियूष बंसल का मानना है कि भारत में हर तीसरे व्यक्ति को चश्मे की ज़रूरत है, लेकिन सिर्फ एक छोटा प्रतिशत ही इसे खरीदता है। यही सोच कर लेंसकार्ट ने क्वालिटी चश्मे कम दामों पर, तेज़ डिलीवरी और आसान रिटर्न पॉलिसी के साथ देना शुरू किया। कंपनी ने हाल ही में AI और मशीन लर्निंग जैसी नई तकनीकों का इस्तेमाल भी शुरू किया है जिससे ग्राहक अपने फेस को स्कैन कर के परफेक्ट फ्रेम चुन सकते हैं।
युवाओं के लिए प्रेरणा
पियूष बंसल की कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपनी नौकरी छोड़ कर कुछ नया करना चाहते हैं। उन्होंने साबित किया कि अगर सोच साफ हो और मेहनत सच्ची, तो बड़ी से बड़ी सफलता भी पाई जा सकती है। “हमारा लक्ष्य सिर्फ चश्मा बेचना नहीं है, बल्कि भारत को देखने का नजरिया बदलना है,” — पियूष बंसल