भारत में हेल्दी और लो-कैलोरी फूड्स की मांग तेजी से बढ़ रही है, खासकर जब उपभोक्ताओं का झुकाव हेल्दी लाइफस्टाइल की ओर बढ़ा है। इसी बदलते ट्रेंड को पहचानते हुए Go Zero, एक लो-कैलोरी, हाई-प्रोटीन, और ज़ीरो-शुगर आइसक्रीम ब्रांड, ने बाज़ार में अपनी अलग पहचान बनाई है। अब यह स्टार्टअप अपनी सीरीज A फंडिंग में ₹30 करोड़ जुटा चुका है। इस निवेश दौर में DSG Consumer Partners, Saama Capital, और V3 Ventures जैसे मौजूदा निवेशकों ने भाग लिया। अब Go Zero का लक्ष्य Tier I और Tier II शहरों में अपनी पहुंच को तेजी से बढ़ाना है। इसके लिए यह क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रहा है और Swiggy Instamart, Blinkit और Zepto जैसे डिजिटल चैनलों पर फोकस कर रहा है।
Go Zero का सफर: पारंपरिक आइसक्रीम से अलग एक हेल्दी ब्रांड
Go Zero की शुरुआत 2022 में किरण शाह द्वारा की गई थी। यह ब्रांड पारंपरिक आइसक्रीम का हेल्दी विकल्प प्रदान करता है, जिसमें न शुगर होती है और न ही अनहेल्दी फैट। भारत में ऐसे ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जो स्वाद के साथ-साथ हेल्थ का भी ध्यान रखना चाहते हैं।
Go Zero को क्या बनाता है खास?
- ज़ीरो-शुगर और लो-कैलोरी: स्वाद से समझौता किए बिना हेल्दी विकल्प
- हाई-प्रोटीन आइसक्रीम: फिटनेस और हेल्थ-कॉन्शियस ग्राहकों के लिए खास
- 100% नैचुरल इंग्रीडिएंट्स: बिना आर्टिफिशियल प्रिज़र्वेटिव्स और एडेड शुगर
- परंपरागत आइसक्रीम ब्रांड्स से अलग: भारत में हेल्दी डेज़र्ट इंडस्ट्री में नया इनोवेशन
Go Zero की मार्केट स्ट्रैटेजी: Tier I और Tier II शहरों पर फोकस
Go Zero अब Tier I और Tier II शहरों में अपनी मौजूदगी को बढ़ाने की योजना बना रहा है। इसके लिए यह दो महत्वपूर्ण रणनीतियों पर काम कर रहा है:
1. क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स: Go Zero, Swiggy Instamart, Blinkit, और Zepto जैसे प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए ग्राहकों तक तेजी से पहुंच बना रहा है। भारतीय उपभोक्ताओं की बदलती आदतों को देखते हुए, “इंस्टेंट डिलीवरी” एक बड़ी रणनीतिक चाल साबित हो सकती है।
2.ऑफलाइन रिटेल में विस्तार: कंपनी जल्द ही मल्टीपल रिटेल स्टोर्स पर अपने उत्पादों की उपलब्धता बढ़ाने की योजना बना रही है। खासतौर पर हेल्थ फूड स्टोर्स और प्रीमियम सुपरमार्केट्स को टारगेट किया जाएगा।
नए प्रोडक्ट्स की लॉन्चिंग: गिल्ट-फ्री डेज़र्ट्स का बढ़ता बाजार
Go Zero केवल आइसक्रीम तक सीमित नहीं रहना चाहता। यह जल्द ही नई हेल्दी मिठाइयाँ लॉन्च करने की तैयारी में है, जिसमें शामिल हैं: कुल्फी स्टिक्स: पारंपरिक कुल्फी का हेल्दी वर्जन कसाटा: भारतीय मिठाइयों के प्रेमियों के लिए एक शुगर-फ्री और हाई-प्रोटीन विकल्प ये नए उत्पाद उन ग्राहकों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, जो भारतीय डेज़र्ट का स्वाद तो लेना चाहते हैं, लेकिन बिना किसी हेल्थ गिल्ट के।
D2C मार्केट में Go Zero की ग्रोथ और संभावनाएँ
भारत में D2C (Direct-to-Consumer) ब्रांड्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। उपभोक्ताओं का झुकाव अब हेल्दी और नेचुरल प्रोडक्ट्स की ओर हो रहा है।
2025 तक भारत का हेल्दी स्नैकिंग मार्केट ₹30,000 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। Go Zero इस मौके को पहचानते हुए भारतीय D2C आइसक्रीम इंडस्ट्री में हेल्दी विकल्पों के लिए नए इनोवेशन ला रहा है।
Go Zero का भविष्य और संभावनाएँ
- नए हेल्दी प्रोडक्ट्स की लॉन्चिंग
- तेजी से बढ़ता D2C बिज़नेस मॉडल
- हेल्थ-कॉन्शियस भारतीय उपभोक्ताओं के लिए इनोवेटिव विकल्प
- Tier I और Tier II शहरों में मजबूती से विस्तार
निष्कर्ष
Go Zero का सफर अभी शुरुआत में है, लेकिन इसकी इनोवेटिव अप्रोच और मजबूत बिज़नेस रणनीति इसे एक सफल D2C हेल्दी आइसक्रीम ब्रांड बनाने की ओर ले जा रही है। भारत में हेल्दी आइसक्रीम और डेज़र्ट की बढ़ती मांग को देखते हुए, यह ब्रांड आने वाले सालों में और भी तेज़ी से ग्रोथ कर सकता है। अब देखने वाली बात होगी कि Go Zero अपने नए इनोवेटिव प्रोडक्ट्स और मार्केटिंग रणनीतियों से भारतीय बाज़ार में कैसे अपनी पकड़ मजबूत करता है।