क्रिकेट की दुनिया में एक नया सितारा उभरकर सामने आया है — 14 वर्षीय Vaibhav Suryavanshi, जिन्होंने आईपीएल 2025 में अपने डेब्यू मैच में ऐसा कारनामा कर दिखाया जिसे देखकर पूरा देश हैरान रह गया। राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए, वैभव ने लखनऊ सुपरजायंट्स के खिलाफ अपने IPL करियर की पहली गेंद पर छक्का लगाकर धमाकेदार शुरुआत की। गेंदबाज़ थे अवेश खान, और शॉट सीधे बाउंड्री के पार गया। मैदान पर साथी खिलाड़ी से उन्होंने मासूमियत से पूछा: “ऐसा कभी हुआ है? पहली ही गेंद पर छक्का मारा हो?” यह सवाल नहीं, एक सपने की शुरुआत थी।
शतक से रचा नया इतिहास
इसके कुछ ही दिन बाद, गुजरात टाइटन्स के खिलाफ खेलते हुए, Vaibhav Suryavanshi ने सिर्फ 35 गेंदों में 101 रनों की विस्फोटक पारी खेली, जिसमें 11 छक्के और 7 चौके शामिल थे। इस पारी के साथ वैभव IPL और पुरुष T20 इतिहास में सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन गए। भीड़ का उत्साह चरम पर था और डगआउट में बैठे घायल राहुल द्रविड़ भी खुद को रोक नहीं पाए — व्हीलचेयर से उठकर उन्होंने जश्न में हाथ उठाया और मुस्कराए।
कोच की सलाह, खिलाड़ी का धैर्य
मैच से पहले कोच मनीष ओझा ने वैभव को सादा पर असरदार संदेश दिया था: “मारना, लेकिन विकेट मत देना… इत्मीनान से खेलना।” वैभव ने इस सलाह को बखूबी अपनाया और IPL में इतिहास रच डाला।
बिहार से IPL तक का सफर
Vaibhav Suryavanshi का जन्म और पालन-पोषण बिहार के समस्तीपुर जिले के मोतीपुर गांव में हुआ। कम संसाधनों और सीमित सुविधाओं के बावजूद, उनका क्रिकेट के प्रति समर्पण अडिग रहा। उनके पिता एक स्कूल शिक्षक हैं और माँ गृहिणी। कोच मनीष ओझा ने बताया कि वैभव की मेहनत और अनुशासन ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।
The New Age India की नई पहचान
IPL में Vaibhav Suryavanshi की यह धमाकेदार एंट्री सिर्फ क्रिकेट का नहीं, नई पीढ़ी के आत्म-विश्वास और दृढ़ निश्चय का प्रतीक बन गई है। कई युवा खिलाड़ियों के लिए Vaibhav Suryavanshi अब एक प्रेरणा बन चुके हैं। क्रिकेट सिर्फ उम्र का खेल नहीं, जुनून और विश्वास का भी है — और Vaibhav Suryavanshi इसका जीता-जागता उदाहरण हैं।