TCS की नौकरी छोड़ी, गाँव लौटे और बनाए ₹7.3 करोड़ का ऑर्गेनिक ब्रांड – जानिए Husband Wife Farm की सफलता की कहानी
क्या आपने कभी सोचा है कि एक मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़कर कोई व्यक्ति अपने गाँव लौटकर खेती शुरू करे और करोड़ों का बिज़नेस खड़ा कर दे? सुनने में असंभव लगता है, लेकिन हरियाणा के सोनीपत ज़िले के रहने वाले जितेन्द्र मान ने इसे सच कर दिखाया है। आज उनका ब्रांड Husband Wife Farm न केवल भारत में बल्कि विदेशों तक अपने ऑर्गेनिक मोरिंगा प्रोडक्ट्स के लिए जाना जाता है। FY 2023-24 में इस ब्रांड ने ₹7.3 करोड़ का टर्नओवर दर्ज किया। आइए जानते हैं इस जोड़ी की संघर्ष, बदलाव और सफलता की कहानी।
कॉर्पोरेट करियर से गाँव की पगडंडियों तक का सफर
जितेन्द्र मान ने 11 साल तक भारत की जानी-मानी आईटी कंपनी TCS (Tata Consultancy Services) में काम किया। एक स्थिर जीवन, अच्छा वेतन और सुरक्षित भविष्य—सब कुछ था। लेकिन 2020 के आसपास उनकी सेहत बिगड़ने लगी। शहरी जीवनशैली, तनाव और खानपान ने उनकी फिटनेस पर असर डाला। यही समय था जब उन्होंने खुद से पूछा—”क्या यही जीवन है?” और यहीं से शुरू हुआ बदलाव। उन्होंने नौकरी छोड़ दी और अपनी पत्नी के साथ मिलकर अपने पैतृक गाँव में लौटने का फैसला किया।
मोरिंगा: एक पौधा, जो बदल गया जीवन
गाँव लौटकर उन्होंने खेती करने का निर्णय लिया। लेकिन वे सिर्फ पारंपरिक खेती करना नहीं चाहते थे। उन्होंने रिसर्च की और पाया कि मोरिंगा (सहजन) एक ऐसा पौधा है, जो न केवल औषधीय गुणों से भरपूर है, बल्कि वैश्विक स्तर पर इसकी डिमांड भी तेजी से बढ़ रही है। मोरिंगा को सुपरफूड कहा जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, विटामिन A, C, आयरन, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। जितेन्द्र और उनकी पत्नी ने इसे ऑर्गेनिक तरीके से उगाना शुरू किया, बिना किसी केमिकल के।
Husband Wife Farm: एक ब्रांड, जो रिश्तों जितना भरोसेमंद
शुरुआत में उन्होंने अपने खेत में मोरिंगा पत्तियों को सुखाकर पाउडर बनाना शुरू किया और सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों तक पहुँचाना शुरू किया। उनकी कहानी, सरलता और प्रोडक्ट की गुणवत्ता ने लोगों का ध्यान खींचा। धीरे-धीरे ऑर्डर आने लगे। इस पूरी प्रक्रिया में उनकी पत्नी न केवल साथी बनीं, बल्कि प्रोडक्ट की क्वालिटी, पैकेजिंग और ग्राहकों से संवाद जैसे ज़रूरी कामों की ज़िम्मेदारी भी संभालीं। तभी इस ब्रांड का नाम रखा गया—Husband Wife Farm।
₹7.3 करोड़ का टर्नओवर—बिना किसी निवेश के
FY24 में Husband Wife Farm ने ₹7.3 करोड़ की बिक्री दर्ज की। यह उपलब्धि तब और भी खास हो जाती है जब आप जानेंगे कि इस ब्रांड की शुरुआत लगभग बिना किसी भारी निवेश के हुई थी। सोशल मीडिया, वर्ड-ऑफ-माउथ और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए उन्होंने ग्राहकों का विश्वास जीता। आज उनका मोरिंगा पाउडर, चाय, कैप्सूल, और अन्य हेल्थ सप्लीमेंट्स न केवल भारत के बड़े शहरों में, बल्कि अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी डिलीवर होते हैं।
सस्टेनेबिलिटी और ग्रामीण उद्यमिता की मिसाल
इस कहानी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह केवल एक बिजनेस की कहानी नहीं है—यह एक आंदोलन है। Husband Wife Farm पर्यावरण के अनुकूल खेती, लोकल लेबर को रोज़गार, और हेल्दी जीवनशैली को बढ़ावा देता है। उन्होंने अपने गाँव के युवाओं को भी प्रेरित किया कि खेती में भी भविष्य है—बस तरीका बदलना होगा। जितेन्द्र कहते हैं, “हमने जो किया वो सिर्फ पैसे कमाने के लिए नहीं किया। हम चाहते हैं कि लोग गाँव से पलायन न करें, बल्कि यहीं रहकर कुछ बड़ा करें।”
सोशल मीडिया बना सबसे बड़ा हथियार
Husband Wife Farm की सफलता में सोशल मीडिया का बहुत बड़ा योगदान है। इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक पर जितेन्द्र और उनकी पत्नी की सादगी, स्पष्टता और ट्रांसपेरेंसी ने लाखों दिल जीते। वे खुद ही अपने खेतों से वीडियो बनाते हैं, प्रोडक्ट्स की प्रोसेसिंग दिखाते हैं और ग्राहकों के सवालों का जवाब देते हैं। यह भरोसा ही है, जिसने इस ब्रांड को लाखों का नहीं, करोड़ों का बनाया।
सीखने लायक बातें:
- कभी भी नया शुरू करने में देर नहीं होती।
- जोखिम के बिना सफलता नहीं मिलती।
- ग्रामीण भारत में भी अपार संभावनाएं हैं।
- सच्चाई और ईमानदारी से किया गया काम हमेशा रंग लाता है।